शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग में छात्राओं के लिए कौशल विकास केन्द्र स्थापित किया गया है। महाविद्यालय के उद्यमिता प्रकोष्ठ के संयोजन में स्थापित केन्द्र में कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमीनार एवं औद्योगिक इकाई का भ्रमण का आयोजन नियमित रूप से होगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास की दिशा में भी दक्षता प्रदान करना इस केन्द्र का उद्देश्य है। टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल र्साइंसेज के द्वारा प्रस्तावित एड आॅन कोर्स भी प्रारंभ किए जावेगें जिसमें छात्राएँ तीन वर्ष में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा एडवांस डिप्लोमा प्राप्त कर सकेगी।
महाविद्यालय में कौशल विकास केन्द्र स्थापना के लिए आयोजित बैठक में टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साईंस के सुप्रभातशील, सिटकाॅन रायपुर की प्रतिभा गुप्ता, सामुदायिक खाद्य एवं पोषण आहार इकाई रायपुर के पूर्व अधिकारी विलास डांगे, छत्तीसगढ़ एजुकेशन रिसर्च एण्ड वेलफेयर सोसायटी की प्रोजेक्ट अधिकारी विनिता वैष्णव, स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हेमंत घोटे, बी.आई.टी दुर्ग के डाॅ. अशोक चन्द्रा एवं डाॅ. धर्मेन्द्र गंगेश्वर, महिला पाॅलीटेक्निक राजनांदगांव की डाॅ. मृदुला चैरसिया उपस्थित हुवे। बैठक में सभी ने एकमत से इस केन्द्र में कौशल विकास प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाने अपनी सहमति दी।
केन्द्र प्रभारी डाॅ. बबिता दुबे ने जानकारी दी कि अगस्त माह में खाद्य एवं फल परिरक्षण प्रशिक्षण की सात दिवसीय कार्यशाला तथा ड्रेस डिजाईन की सात दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। बैठक में वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डाॅ. के. एल. राठी ने वाणिज्य के विद्यार्थियों के लिये जी.एस.टी एवं टेली की कार्यशाला भी प्रारंभ करने की जानकारी दी। उद्यमिता प्रकोष्ठ की डाॅ. सीमा अग्रवाल, डाॅ. शशि कश्यप एवं प्लेसमेन्ट सेल प्रभारी डाॅ. निसरीन हुसैन ने भी अपने विचार रखे। आभार प्रदर्शन डाॅ. बबीता दुबे ने किया।