गल्र्स काॅलेज में भूगोल पर छात्राओं के व्याख्यान
बढ़ती पर्यावरणीय समस्यायें चिंताजनक
शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में छात्राओं ने ही विभिन्न विषयों पर अध्यापन कार्य किया। भूगोल के महत्वपूर्ण विषयों पर छात्राओं ने बड़े ही रोचक ढंग से विषयवस्तु की प्रस्तुति दी।
छात्राओं को प्रोत्साहित करने एवं व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से उन्हें विभाग द्वारा विषय से संबंधित टाॅपिक्स दिए गए थे जिन पर उन्हें लेक्चर देना था। छात्राओं ने उन विषय पर बड़ी गंभीरता से तैय्यारी की थी साथ ही उन्होनें पावर पाईंट का भी उपयोग कर व्याख्यान को रोचक बनाया।
एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की कु. चंद्रकिरण ने भारत में जनसंख्या घनत्व वितरण प्रतिरूप पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत में बढ़ते जनसंख्या घनत्व के कारण एक ओर पर्यावरणीय समस्यायें उभरी है वहीं संवितरण व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। कु. प्रेमसुधा ने आँकड़ों के संकलन की विधियों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार आँकड़ों के संकलन के आधार पर शोधपरख जानकारियाँ उपलब्ध करायी जाती है। तकनीकी के क्षेत्र में जिस तरह विस्तार हो रहा है उससे आँकड़ों के संकलन का महत्व बढ़ गया है। इसके द्वारा न केवल शोध में बल्कि विकास की विभिन्न योजनाओं में लाभ मिल रहा है।
एम.ए. प्रथम सेमेस्टर की कु. सीमा बंजारे ने नदी अपरदन द्वारा निर्मित स्थलाकृतियों का बहुत ही जानकारीयुक्त प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होनें मिट्टी के बढ़ते कटाव तथा जंगल की घटती सघनता पर चिंता प्रकट करते हुए नदी अपरदन पर प्रकाश डाला। कु. श्वेता ने पर्यावरणीय समस्याओं का चित्रण करते हुए बताया कि प्रदूषण की मार से न केवल जंगल बल्कि आबादी क्षेत्र भी परेशान है। इन समस्याओं के कारण हमारे जंगली जीव-जन्तु इतने अधिक प्रभावित है कि कई नस्लें लुप्त होने की ओर है। जंगल में पानी की समस्या के साथ वनों में अग्नि के प्रकोप से नष्ट होती वनस्पतियाँ चिंता का कारण बनी हुई है।
कु. गणेशिया एवं कु. प्रज्ञा ने ज्वालामुखी तथा पवन द्वारा अपरदन पर चर्चा की। एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की कु. श्वेता राय एवं कु. केशरी ने आमलैण्ड एवं स्टाॅकहोम सम्मेलन पर सविस्तार व्याख्यान दिया। कु. श्वेता ने शहरों की सघनता के प्रभावों को स्पष्ट किया वहीं कु. केशरी ने स्टाॅकहोम सम्मेलन के निर्णयों एवं उनके क्रियान्वयन पर चर्चा की।
एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की कुं. रंजिता ने विश्व में वनों का वितरण तथा कु. कविता ने ग्रामीण अधिवास प्रतिरूप एवं कु. सीमा ने विश्व के प्रमुख प्राणी भौगोलिक प्रदेश पर अपनी प्रस्तुति दी। भूगोल विभाग की प्राध्यापक कु. ज्योति साहू ने बताया कि छात्राओं ने स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रम के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर अध्यापन किया जिससे अन्य छात्राओं को विषयगत जानकारी मिली तथा उन्हें समझने में आसानी हुई। छात्राओं में इसके प्रति काफी उत्साह था। विभागाध्यक्ष डाॅ. सुचित्रा खोब्रागढ़े ने तथा प्राध्यापक कु. ज्योति साहू एवं कु. सृष्टि श्रीवास्तव ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया।