शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के रसायनशास्त्र विभाग की एम.एससी. की छात्राएँ मिट्टी परीक्षण की तकनीक से पारंगत हो रही है।
किसानों के हितार्थ वैज्ञानिक पद्धति द्वारा खेती एवं कृषि कार्य करने को प्रोत्साहन देने की योजना में विद्यार्थियों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसी उद्देश्य को लेकर छात्राएँ रूआबांधा भिलाई स्थिति शासकीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी परीक्षण की नई तकनीक से परिचित हो रही है तथा प्रशिक्षण ले रही है। रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डाॅ. सुनिता गुप्ता ने बताया कि प्रयोग करके सीखना विज्ञान का आधारभूत सिद्धांत है। महाविद्यालय का रसायन शास्त्र विभाग विभिन्न प्रयोगों को न केवल अपनी प्रयोगशाला में अपितु विभिन्न संस्थाओं की प्रयोगशालाओं से विद्यार्थी को प्रशिक्षित कराता है।
इसी क्रम में मिटटी परीक्षण की कृषि कार्य में महती भूमिका है जिससे मिट्टी की गुणवत्ता का पता चलता है। एम.एससी रसायन की छात्राएँ शासकीय मिट्टी परीक्षण केन्द्र भिलाई में मिट्टी की गुणवत्ता का परीक्षण करना सीख रही है।
इस केन्द्र में नई तकनीक के उपकरण मौजूद है। डाॅ. गुप्ता ने बताया कि शासकीय मिट्टी परीक्षण केन्द्र से एटामिक एब्सार्पशन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, फ्लेम फोटोमीटर, डबल बीम स्पेक्ट्रोफोटोमीटर की सुविधा उपलब्ध है। छात्राओं ने इन उपकरणों की सहायता से मिट्टी में उपस्थित विभिन्न तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, काॅपर, आयरन, बोराॅन, पोटैशियम, कार्बनिक पदार्थ के साथ मिट्टी की चालकता एवं पी.एच. मान ज्ञात करना सीखा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि भविष्य में महाविद्यालय की रसायन प्रयोगशाला में भी मिट्टी परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जावेगी जिससे कृषि कार्य में लगे कृषक अपने खेत की मिट्टी की जानकारी हासिल कर सकेगें।
प्रयोगशाला के तकनीकी प्रभारी अभिषेक आडिल एवं संजीव जेना, कु. स्वाति राजपूत ने छात्राओं को प्रशिक्षण दिया। महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ. अरविंद साहू, कु. हिमांशु एवं कु. ऐश्वर्या ने छात्राओं के साथ प्रशिक्षण सत्र में मार्गदर्शन दिया ।