शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ‘आदि शिल्प’ का शुभारंभ आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा के द्वारा हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं कला समीक्षक डाॅ. उद्यन बाजपेयी भी उपस्थित थे।
मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा के जन्मोत्सव पर रजा फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा देश के चार शहरों में कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने विभिन्न आयोजन किए जा रहे है।
दुर्ग में कन्या महाविद्यालय में ‘आदि शिल्प’ कार्यशाला में देश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी कलाकृतियों के माध्यम से युवाओं को प्रोत्साहन के साथ-साथ प्रशिक्षण भी देंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि रजा फाउंडेशन और महाविद्यालय द्वारा युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने एवं विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने मंच उपलब्ध कराया जाता है जिससे चित्रकारी, मिट्टी के समान बनाने का मौका मिलेगा वहीं हम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत जोड़ीदार राज्य गुजरात की कलाकृतियाँ बनाने एवं वहाँ की संस्कृति से परिचित हो सकेंगे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा ने कहा कि महाविद्यालयों में रचनात्मक कलाओं से संबंधित पाठ्यक्रमों की महती आवश्कता है। चित्रकला, संगीत और नृत्य की पाठ्यक्रम न केवल रोजगारोपयोगी है बल्कि इससे हमारे विद्यार्थी अपनी संस्कृति और सभ्यता से परिचित होते है। उन्होनें कहा कि वही व्यक्ति सफल होता है जो समय के अनुसार अपने कौशल को अपडेट करता है। महाविद्यालय के रचनात्मक एवं सृजनात्मक आयोजनों की प्रसंशा करते हुए कहा कि हर महाविद्यालय में इस तरह के पाठ्यक्रम संचालित होने चाहिये।
भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कला समीक्षक डाॅ. उद्यन बाजपेयी ने अपने उद्बोधन में कहा कि रजा फाउंडेशन द्वारा पूरे देश में युवाओं के बीच जनजातीय कला को लेकर विभिन्न आयोजन किये जा रहे है जिनका उद्देश्य हमारी नई पीढ़ी को इससे परिचित कराना है। उन्होनें बताया कि हमारे ग्रामीण अंचल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है हम उनसे परिचित नहीं हो पाते है। महाविद्यालय के माध्यम से इस तरह के आयोजन ग्रामीण कला को प्रोत्साहित करते है। उन्होनें सृजनात्मक एवं रचनात्मक कलाओं से युवा पीढ़ी को सीखने एवं प्रोत्साहित होने के लिये भरपूर प्रयास करने पर जोर दिया।
कार्यशाला के संयोजक एवं चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. योगेन्द्र त्रिपाठी ने तीन दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा बताते हुए आमंत्रित कलाकारों का परिचय दिया।
उन्होनें बताया कि गोदना पेंटिंग की प्रसिद्ध कलाकार सुफीयानो बाई, सिरेमिक कला के चिरायु सिन्हा, मूर्तिकला के नरेन्द्र साहू, राजेन्द्र सुनगरिया मिट्टी के खिलौने एवं विभिन्न वस्तुओं के कलाकार सियाराम प्रजापति, छापाकला की सिमरन नरूला के साथ चर्चित तुंबाकला के नरेन्द्र पोयाम अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
कार्यशाला में प्रदेशभर के युवा कलाकार तथा खैरागढ़ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ भी हिस्सा ले रहे है। इस अवसर पर महाविद्यालय के न्यूजलेटर ‘‘कैम्पस-न्यूज’’ के नए अंक का विमोचन भी अतिथियों ने किया। इस अवसर पर शहर के कलाप्रेमियों के साथ विभिन्न महाविद्यालयों से विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. ऋचा ठाकुर ने किया तथा आभार प्रदर्शन श्री योगेन्द्र त्रिपाठी द्वारा किया गया।