शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय एलुमनी सम्मेलन का आयोजन किया गया। पिछले तीन दशकों की पूर्व छात्राओं ने इसमें उत्साह से भाग लिया। अपनी पुरानी सहेलियों से मिलकर जहाँ उत्साह हुआ वहीं आखें नम भी हो गई। कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि प्रतिवर्ष सत्रांत में एलुमिनी संगठन का मिलन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
ये वो पल है जिसमें महाविद्यालय की पूर्व छात्राएँ जो आज नौकरी , व्यवसाय और गृहणी के रूप में समाज के विभिन्न क्षेत्रों तथा शहरों में अपनी प्रतिभा बिखेर रही है। वर्षों बाद महाविद्यालय आकर पुराने सहपाठियों, शिक्षकों तथा स्टाॅफ से मिलकर स्मृतियों को ताजा करती है।
कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि विगत 37 वर्षों की विकासयात्रा में इस महाविद्यालय की छात्राओं की अहम भूमिका रही है।
शिक्षा-ज्ञान, खेलकूद के क्षेत्र में नाम रौशन करने वाली छात्राएँ आज भी महाविद्यालय को गौरवान्वित कर रही है।
महाविद्यालय को एलुमनी संगठन द्वारा हमेशा सहयोग दिया जाता है। विगत वर्षों से छोटी बहन छात्रवृत्ति योजना तथा ब्यूटीशियन एवं कुकिंग, गृहसज्जा के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पूर्व छात्राओं ने विशेष सहयोग दिया है जो अनुकरणीय है।
कार्यक्रम में उपस्थित जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति मिश्रा ने अपने महाविद्यालय में बिताए छात्रजीवन के संस्मरण सांझा किए।
उन्होनें अध्यक्ष के रूप में पूर्व छात्रा होने के नाते अपनी जवाबदारी में कोई कमी नहीं आने की बात कही और महाविद्यालय के विकास में नई योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी।
इस अवसर पर महाविद्यालय द्वारा विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त पर छात्राओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के शोधकेन्द्र से 1992 में पी.एचडी. उपाधि प्राप्त प्रथम शोध छात्र डाॅ. अशोक सेमसंग का सम्मान किया गया। साहित्य क्षेत्र में उनकी कई पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। उन्होनें अपनी कविता के माध्यम से संस्था का आभार व्यक्त किया।
अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी वेटलिफ्टर निशा भोयर का भी सम्मान किया गया। उन्होनें कई अन्र्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक हासिल कर संस्था को गौरवान्वित किया है।
उन्होनें अपने सम्मान से अभिभूत होकर कहा कि संघर्ष के दौर में कोई साथ दे न दे मेरे शिक्षक हमेशा प्रोत्साहित करते रहे है। लगन व निष्ठा ने मुझे सफलता दिलाई तो वहीं महाविद्यालय से भी मैनें बहुत कुछ सीखा है, प्रेरणा मिली है।
फैशन डिजाईनिंग एवं माॅडलिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी तथा इस क्षेत्र में अग्रणी संस्था में प्राचार्य का दायित्व संभालने वाली कु. रिमशा लाकेश को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उन्होनें भी अपने शिक्षकों एवं सहपाठियों के साथ को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रोत्साहन ही श्रेष्ठता को पाने का मूलमंत्र है।
एलुमनी संगठन के इस कार्यक्रम में 90 पूर्व छात्राओं ने हिस्सा लिया जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से आई छात्राओं के साथ नागपूर, भोपाल एवं जबलपुर से भी छात्राओं ने शिरकत की जो प्रसंशनीय है। सभी ने अपने-अपने संस्मरण सुनाए जिन्हें सुनकर कई बार आंखे नम हो गई।
जांजगीर के शासकीय महाविद्यालय में प्राध्यापक डाॅ. रेखा कश्यप ने अपने संस्मरण सुनाए तो व्यवसाय के क्षेत्र में सफल कु. अर्पणा ने महाविद्यालय के प्रशिक्षण कार्यक्रमों विशेषकर कौशल विकास के कार्यक्रमों को मील का पत्थर बताया।
कार्यक्रम में नृत्य व गीतों के माध्यम से पूर्व छात्राओं ने धमाल मचाया तो वहीं उनके स्वागत में वर्तमान छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
छत्तीसगढ़ी गीतों पर थिरके तो पुराने गीतों ने तो माहौल को खुशनुमा बना दिया। एक-दूसरे से मिलने, गप्पे मारने और सेल्फी के साथ ही शिक्षकों एवं मित्रों के साथ भोजन करना एक अविस्मरणीय क्षण रहा। सभी ने कहा फिर मिलेंगे और मिलते रहेगें।
कार्यक्रम में डाॅ. ज्योति भरणे, डाॅ. मीनाक्षी अग्रवाल, डाॅ. अल्का दुग्गल, डाॅ. ऋचा ठाकुर, डाॅ. सुचित्रा खोब्रागढ़े, डाॅ. मोनिया राकेश ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।