शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा भारतीय संविधान की उद्देशिका का सामूहिक रूप से पठन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि - हमारा संविधान विश्व में सबसे लचीला एवं पारदर्शी है। हमारे संविधान में सामाजिक, आर्थिक और विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और न्याय को समाहित किया गया है। संविधान में सबको समानता का अधिकार प्राप्त है।
बी.ए. भाग 1 की छात्रा कु. आशना आफरीन एवं अंजली टंडन ने भारतीय संविधान तथा संविधान के मौलिक कत्र्तव्यों की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने धर्म, उपासना, विश्वास की स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा तथा अवसर की समानता पर आधारित रचना की है।
राजनीतिशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. सुचित्रा खोब्रागढ़े ने कहा कि - संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद संविधान पारित हुआ। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। उन्होनें बताया कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को संविधान का जनक माना जाता है। भारतीय संविधान अनेक देशों से अच्छा है। प्रस्तावना के पांच शब्द इसके मूल तत्व है- सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. यशेश्वरी ध्रव ने किया। आभार प्रदर्शन श्रीमती ज्योति भरणे ने किया।