प्री-मैराइटल काउन्सलिंग फाॅर गल्र्स
शास. डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्राॅस इकाई के तत्वाधान से प्री-मैराइटल काउन्सलिंग फाॅर गल्र्स का आयोजन किया गया।
संयोजक एवं यूथ रेडक्राॅस प्रभारी डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि काउन्सलिंग के माध्यम से युवा छात्राओं को विवाह के पूर्व काउन्सलिंग कर सशक्त व स्वस्थ रिश्तों को आरम्भ कर स्थायी एवं संतुष्ट वैवाहिक जीवन प्रदान किया जाता है। इसके द्वारा स्वयं के कमजोर पक्षों का भी ज्ञान होता है, जो कि विवाह के बाद प्रायः समस्या उत्पन्न कर विवाह विच्छेद जैसे कारणों को जन्म देता है। वर्तमान में युवा पीढ़ी कॅरियर को प्रथम प्राथमिकता दे रही है परन्तु विवाह भी महत्वपूर्ण एवं समाजिक आवश्यकता है। अतः छात्राओं को अपने वैवाहिक जीवन में सामंजस्य स्थापित कर सफलता अर्जित करने हेतु यह आयोजन किया गया है।
डाॅ. अल्का दुग्गल ने बताया कि प्री-मराइटल काउन्सलिंग में विभिन्न पक्षों जैसे- आर्थिक, मूल्यों, निर्णय, समय, आपसी सम्बन्धों, अपेक्षाओं आदि पर बात कर सकते है।
एक्सपर्ट एवं काउन्सलर डाॅ. शमा हमदानी ने पूर्व विवाह परामर्श के महत्व को बताया कि किस तरह संवाद के माध्यम से वास्तविकता और अपेक्षाओं को मूर्त रूप दिया जा सकता है क्योंकि हर परिवार में कुछ न कुछ असमानताएं होती है जिस परिवार से हमारा सम्बन्ध होता है उसी के अनुसार अपने आपको ढालना चाहिये क्योंकि जितनी जल्दी सामंजस्य स्थापित होगा उतना ही सफल पारिवारिक जीवन होगा।
छात्राओं ने अपने विचार एवं प्रश्न रखें जैस- कु. सिमरन सिंह ने जानना चाहा कि विवाह की आवश्यकता और वधू से ही सारी अपेक्षाएं क्यों होती है? पायल साहू को वधू के वर के घर जाने पर आपत्ति थी? वर्षा ने विवाह हेतु क्या-क्या तैयारी करने के बारे में जानकारी चाही। कु. एकता कौमार्य ने पूछा कॅरियर एवं घर-परिवार के साथ कैसे सामंजस्य स्थापित करंे? आदि अनेक गंभीर प्रश्न एवं जिज्ञासायें सामने आयी।
डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र के मार्गदर्शन में लगातार छात्राहित में ऐसे आयोजन किये जाते है जिसमें रेगुलर कोर्स के साथ-साथ छात्राओं के लिये काउन्सलिंग की जाती है जिससे वे भविष्य में अपने दायित्वों एवं कत्र्तव्यों का उचित निर्वाह कर श्रेष्ठ नागरिक सिद्ध हो सके।