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Photo Gallery: ब्रेस्ट कैन्सर अवेरनस कैम्पेन

 

ब्रेस्ट कैन्सर अवेरनस कैम्पेन


Venue : Govt DR Waman Wasudev Patankar Girls PG College, Durg
Date : 31-10-2019
 

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ब्रेस्ट कैन्सर अवेरनस कैम्पेन 

शास. डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की यूथ रेडक्राॅस इकाई द्वारा ब्रेस्ट कैन्सर अवेरनस कैम्पेन चलाया गया जिसमें रेडक्राॅस प्रभारी डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैन्सर का प्रमुख कारण होती है। शरीर में आवश्यकतानुसार यह कोशिकायें बट जाती हैं, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती है तो कैन्सर का रूप ले लेती है। इस प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि स्तन कैन्सर का प्रमुख कारण है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैन्सर ट्यूमर कहते है। ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले समय में यह रोग हमारे देश में महामारी का रूप ले लेगा, परन्तु शाकाहारी, रेशेदार खान-पान फल सब्जियाँ, व्यायाम एवं तेल युक्त मसालेदार भोजन, धुम्रपान, अतिरिक्त नमक, अधिक कैलोरी से परहेज इस रोग से बचाव में सहायक होते है।   
स्तन कैन्सर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही समय पर इसका इलाज सम्भव है, लेकिन इसका पता चल जाना भी जागरूकता पर निर्भर है, इसी उद्देश्य से महाविद्यालयीन छात्राओं के लिये जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें स्तन कैन्सर से संबंधित समस्त जानकारियाँ जैस- लक्षण, बचाव आदि बताये गये। 
उन्होनें जानकारी दी कि अक्टूबर को पिंकटोबर यानी गुलाबी अक्टूबर भी कहा जाता है क्योंकि यह माह दुनियाभर में ब्रेस्ट कैन्सर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये समर्पित है। रेडक्राॅस वालेन्टियर सोनम सेन ने कहा कि कैन्सर के बारे में बहुत बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर लोगों को लगता है, यह बिमारी हमें नहीं हो सकती है। कु. सौम्या साहू ने बताया कि ब्रेस्ट कैन्सर के अधिकतर प्रकरणों में अनुवांशिकता, जीन, एन्वायरमेन्ट और लाइफस्टाईल प्रमुख कारक है। शिखा शर्मा के अनुसार हर महिला स्वयं परीक्षण कर इस रोग का पता लगा सकती है, इसके पहचान के बारे में लोग जागरूक हो, अपनी जांच नियमित समय पर खुद करें तो मशीन जांचो से पहले ही बिमारी के होने की जानकारी प्राप्त हो सकती है।      
मानसी सेन ने बताया कि लोगों को गलत धारणा भी है कि यह छूत की बिमारी है जो कि खून, चोंट आदि से हो सकती है, अपितु सत्य यह है कि यह शरीर में अपने आप होने वाला रोग है जो कि बीस साल के बाद की किसी भी महिला को हो सकता है। दिव्या ने बताया कि खानपान और लाईफस्टाईल में सुधारकर इसके आशंका को कम किया जा सकता है, इस कैन्सर के सफल इलाज का एकमात्र सूत्र है जल्द पहचान अर्थात् जितनी शुरूआती अवस्था में कैन्सर की पहचान होगी उतना ही सरल, सस्ता, छोटा और सफल होगा। 

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