शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग में शिक्षा के साथ रोजगारोपयोगी सर्टीफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की पहल शुरू हुई है। जिसके अंतर्गत टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) के आॅयन प्रोग्राम के तहत विभिन्न रोजगारोपयोगी एवं औद्योगिक इकाईयों के लिए उपयोगी सर्टीफिकेट कोर्स प्रारंभ करने के लिए अनुबंध किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि टी.सी.एस. आॅयन के अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उपयोगी टेªनिंग तथा पाठ्यक्रम के लिए कंपनी और महाविद्यालय के बीच अनुबंध किया गया। टीसीएस आॅयन की क्षेत्रीय प्रबंधक प्रीति राठौर एवं वाणिज्य संकाय के डाॅ. के.एल. राठी, डाॅ. शशि कश्यप एवं प्लेसमेन्ट सेल की डाॅ. ऋचा ठाकुर की उपस्थिति में अनुबंध पत्र हस्ताक्षरित किया गया।
इस सत्र से वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए बैंकिंग एण्ड केपिटल मार्केट, म्युच्युअल फंड, ई. काॅमर्स आपरेशन, जीएसटी प्रोफेशनल, कस्टमर सर्विस मैनेजमेन्ट, एम.एस.आॅफिस तथा कम्प्यूटर कोर्स प्रारंभ होगें।
ये कोर्स 8 से 10 सप्ताह के है तथा न्यूनतम शुल्क पर आनलाईन एवं आॅफलाईन उपलब्ध रहेगें। कंपनी की ओर से प्रशिक्षक उपलब्ध रहेगें जो प्रशिक्षण एवं व्याख्यान के साथ ही टेस्ट लेगें।
महाविद्यालय ने इसके लिए डाॅ. शशि कश्यप को को-आॅर्डिनेटर नियुक्त किया है। कंपनी द्वारा महाविद्यालय को इन सर्टिफिकेट कोर्स के लिए अधिकृत किया है।
उल्लेखनीय है कि टीसीएस द्वारा अधिकतर तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में ये पाठ्यक्रम चलाए जाते है किंतु टीसीएस आॅयन ने हायर एजुकेशन के लिए भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे है।
टीसीएस आॅयन द्वारा इन पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर रोजगार भी उपलब्ध कराया जावेगा। कंपनी से अनुबंधित औद्योगिक इकाईयों में रोजगार के अवसर विद्यार्थियों को उपलब्ध होगें। कोर्स की समन्वयक डाॅ. शशि कश्यप ने बताया कि अधिकांश कोर्स आॅनलाईन होगें जो महाविद्यालय में पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगें।
अंग्रेजी भाषा का कैम्ब्रिज कोर्स बीईसी भी उपलब्ध रहेगा जिसकी आज बहुत मांग है।
महाविद्यालय द्वारा कौशल विकास के अंतर्गत जहाँ विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है वहीं टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साईंस के एड आॅन कोर्स भी उपलब्ध कराये गये है।
पढ़ाई के साथ-साथ ही विभिन्न सर्टीफिकेट कोर्स करने से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होते है। महाविद्यालय के प्लेसमेंट सेल द्वारा निरंतर इसी तरह के प्रयास किए जा रहे है। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए कोचिंग कक्षाएँ नियमित रूप से चल रही है।